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राष्ट्रीय आय क्या है: इसका इतिहास, गणना एवं महत्वपूर्ण तथ्य

राष्ट्रीय आय:–

किसी एक राष्ट्र मैं एक निर्धारित समय ( सामान्यत: 1 वर्ष) में उत्पादित समस्त वस्तुओं एवं सेवाओं के अंतिम मूल्य को ‘राष्ट्रीय आय’ कहते हैं।

राष्ट्रीय आय का इतिहास

  • दादा भाई नौरोजी ने “पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया“(Poverty and Unbritish Rule in India) नामक पुस्तक की रचना की थी, जो 1901 में प्रथम बार प्रकाशित हुई। इसी किताब में पहली बार राष्ट्रीय आय की गणना की गई, जो ₹20 प्रति व्यक्ति थी। दादाभाई नौरोजी को भारत में ‘राष्ट्रीय आय का जनक‘ कहा जाता है।
  • 1931 में डॉक्टर वी. के.आर.वी राव द्वारा दोबारा राष्ट्रीय आय की गणना की गई, जो 1934 में प्रकाशित हुई। यह भारत में सर्वप्रथम वैज्ञानिक पद्धति पर राष्ट्रीय गणना की गई।
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राष्ट्रीय आय आंकलन/गणना की महत्वपूर्ण अवधारणाएं

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कारक लागत या साधन लागत (FC) :- कारक लागत या साधन लागत किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन में व्यय लागत है।

बाजार मूल्य (MP):- बाजार मूल्य वह वर्तमान मूल्य है, जिस पर किसी वस्तु या सेवा का क्रय और विक्रय किया जाता है। बाजार मूल्य कारक लागत और अप्रत्यक्ष कर के योग में से सब्सिडी घटाने पर प्राप्त होता है।

कारक लागत (FC) + अप्रत्यक्ष कर – सब्सिडी

उदाo-   एक व्यक्ति पानी की बोतल खरीदने दुकान पर गया, जहां दुकानदार ने बोतल का कारक मूल्य ₹50 बताया तथा इसमें ₹15 अप्रत्यक्ष कर जोड़कर बोतल ₹65 की बताई। साथ में दुकानदार ने एक योजना के बारे में भी बताया कि जो भी इस योजना के अंतर्गत पानी की बोतल खरीदेगा उसके बैंक खाते में सरकार ₹35 की सब्सिडी भेजेगी।

बाजार मूल्य(MP) = ₹50 + ₹15 – ₹35 = ₹30

सांकेतिक या वर्तमान मूल्य:- किसी वस्तु या सेवा का चालू वित्तीय वर्ष में मूल्य, सांकेतिक के वर्तमान मूल्य कहलाता है।

आधार या स्थिर मूल्य:- विभिन्न वर्षो की राष्ट्रीय आय की तुलना करने हेतु एक विशेष वर्ष को आधार मान लिया जाता है। इसी आधार वर्ष में किसी वस्तु या सेवा का मूल्य, आधार या स्थिर मूल्य कहलाता है।

राष्ट्रीय आय आंकलन में “गैर-आर्थिक गतिविधियां” शामिल नहीं होती है:-

गैर-आर्थिक गतिविधियां:- आय उत्पत्ति के अलावा लोगों द्वारा आमतौर पर भावनात्मक गतिविधियां गैर-आर्थिक गतिविधियां होती है।

  1. मध्यम वस्तुएं- कच्चा माल
  2. ग्रहणियों का योगदान- क्योंकि उनके योगदान की कोई  गणना नहीं हो सकती है।
  3. पेंशन / स्टॉक बाजार/ काला धन
  4. बचत-  क्योंकि डबल काउंट हो जाती है।

राष्ट्रीय आय की गणना में केवल “आर्थिक गतिविधियों” को ही शामिल किया जाता है।

इच्छाओं की पूर्ति के लिए लोगों द्वारा वस्तु और सेवाओं का उत्पादन, क्रय और विक्रय।जैसे- व्यापार, प्रोफेशन और रोजगार

आर्थिक गतिविधियों की विशेषताएं:-

  1. आय का उद्देश्य
  2. उपयोगिता निर्माण (निर्माण ऐसा हो जो उपयोग हेतु)
  3. मापन योग्य